Haryana में तीन नए आपराधिक कानून 28 फरवरी 2025 तक लागू किए जाएंगे। ये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं, जो ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), और साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।

इन नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, ताकि नागरिकों को शीघ्र और उचित न्याय मिल सके। ये कानून न केवल कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाएंगे, बल्कि नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी एक मजबूत ढांचा प्रदान करेंगे। इसके माध्यम से, न्यायालयों में मामलों की सुनवाई की गति बढ़ाने, न्यायिक निर्णयों की गुणवत्ता में सुधार, और न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि इन कानूनों के लागू होने से हरियाणा के न्यायिक तंत्र को सशक्त किया जाएगा और राज्य को इनके सफल कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह पहल न केवल हरियाणा के निवासियों को अधिक प्रभावी न्याय प्रणाली प्रदान करेगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी कि कानूनी ढांचे में कैसे सुधार किया जा सकता है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि न्याय की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो और नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस नए कानूनी ढांचे के तहत, हरियाणा में न्यायिक सुधारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे राज्य का समग्र विकास और सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।