बागेश्वर धाम के प्रमुख Dhirendra Shastri ने हाल ही में ओडिशा में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने यह विचार प्रस्तुत किया कि "हिंदू राष्ट्र का बिगुल" यहीं से बजेगा। इस कथन का गहरा अर्थ है, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि उनका प्रमुख लक्ष्य सभी सनातन हिंदुओं को उनकी जड़ों की ओर लौटाना है, ताकि वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः पहचान सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब हिंदू समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों और मान्यताओं के लिए खड़ा होना चाहिए।
उनके भाषण में यह भी उल्लेख किया गया कि जो लोग सनातन धर्म का विरोध कर रहे हैं, उन्हें उचित जवाब दिया जाएगा। उन्होंने इस संदर्भ में सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया, जो कि समाज में एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। यह एक ऐसा कदम है जो विभिन्न समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा सकता है, लेकिन साथ ही यह एक संदेश भी है कि हिंदू धर्म के अनुयायी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए तैयार हैं।
इसके अतिरिक्त, धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भक्तों से आग्रह किया कि वे धर्म का प्रचार करें और इसे हर स्थान पर फैलाने में योगदान दें। उनका यह संदेश उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणादायक था, जिससे उनमें एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। इस बयान के बाद, ओडिशा में उनके समर्थकों के बीच काफी उत्साह देखा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके विचारों ने समाज में एक नई जागरूकता और सक्रियता को जन्म दिया है।
हालांकि, उनके इस बयान ने विवादों को भी जन्म दिया है, क्योंकि यह धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से संवेदनशील मुद्दों को छूता है। कुछ आलोचकों ने इस प्रकार के बयानों को समाज में विभाजन और असहमति को बढ़ावा देने वाला माना है। इस संदर्भ में, यह देखा जाना चाहिए कि कैसे यह बयान हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और सहिष्णुता को प्रभावित करेगा।