Duddhi कोतवाली क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना घटी है। वार्ड नंबर 9 के निवासी 42 वर्षीय प्रदीप सोनी ने अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जान ले ली। मकर संक्रांति मेले से लौटते वक्त हुए सड़क हादसे में उनका पैर टूट गया था, जिसके बाद वे गहरे मानसिक तनाव में थे।
Duddhi में युवक ने मानसिक तनाव में फांसी से लगाकर दी जान
फांसी पर लटकता मिला शव
मृतक के पिता श्री राम सोनी ने बताया कि मंगलवार को हादसे के बाद प्राथमिक उपचार के बाद प्रदीप को घर लाया गया था। बुधवार सुबह बाथरूम जाने का बहाना बनाकर उन्होंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और बारजे पर लगे पर्दे के जीआई पाइप से साड़ी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
पांच बहनों और दो भाइयों में दूसरे नंबर के प्रदीप पहले भी एक सड़क दुर्घटना में घायल हो चुके थे, जिसमें उनके उसी पैर में गंभीर चोट आई थी। परिवार का कहना है कि वह इस बात को लेकर बहुत परेशान रहते थे।
आत्महत्या के कारणों की जांच
जैसे ही सूचना मिली, चौकी प्रभारी महेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। पंचनामा के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेजा गया है। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस दुखद घटना से पूरा परिवार शोक में है।
Effective ways to quit smoking: अगर आप सिगरेट पीने की आदत से परेशान हैं और इसे छोड़ने का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो कुछ हालिया शोध रिपोर्ट्स आपकी मदद कर सकती हैं। एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने यह बताया कि सिगरेट पीने की आदत छोड़ने में मानसिक दृष्टिकोण और तनाव को कम करने की तकनीकों का बहुत बड़ा प्रभाव हो सकता है। शोध में यह पाया गया कि जब व्यक्ति सकारात्मक मानसिकता के साथ इस चुनौती का सामना करता है, तो उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
Effective ways to quit smoking
इसके अलावा, नशा छोड़ने की प्रक्रिया में मस्तिष्क की रसायन विज्ञान को भी ध्यान में रखा गया है, जिससे यह समझने में मदद मिलती है कि क्यों और कैसे निकोटिन का असर शरीर पर होता है। निकोटिन मस्तिष्क में डोपामाइन जैसे रसायनों का स्राव बढ़ाता है, जो खुशी और संतोष का अनुभव कराते हैं। जब व्यक्ति सिगरेट छोड़ने की कोशिश करता है, तो उसे इन रासायनिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है, जो कभी-कभी उसे तनाव और चिंता का अनुभव कराते हैं।
एक और रिपोर्ट में कहा गया कि नियमित शारीरिक व्यायाम, जैसे योग और ध्यान, सिगरेट छोड़ने में सहायक हो सकते हैं। इन गतिविधियों से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति तनाव और उत्तेजना को नियंत्रित कर सकता है, जो सिगरेट पीने की इच्छा को बढ़ाते हैं। योग और ध्यान के माध्यम से, व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकता है, जिससे उसे सिगरेट पीने की इच्छा को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, शारीरिक व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन का स्राव होता है, जो प्राकृतिक रूप से खुशी का अनुभव कराता है और व्यक्ति को नकारात्मक भावनाओं से दूर रखता है।
इसके अलावा, दवाओं और निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) का भी इस्तेमाल कई लोगों के लिए सफल रहा है। यह शरीर में निकोटिन के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे सिगरेट की खपत कम होती है। NRT विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जैसे पैच, च्यूइंग गम, और इनहेलर्स, जो व्यक्ति को धीरे-धीरे निकोटिन की आदत से मुक्त होने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया में, व्यक्ति को यह समझने का मौका मिलता है कि निकोटिन के बिना जीवन कैसे जीना है और इसके लिए उन्हें अपने जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने की आवश्यकता होती है।
अंततः, यह महत्वपूर्ण है कि आप खुद को समय दें और अगर जरूरी हो तो पेशेवर मदद भी लें, क्योंकि सिगरेट छोड़ने की प्रक्रिया में धैर्य और समझ की आवश्यकता होती है। पेशेवर सहायता, जैसे काउंसलिंग या सपोर्ट ग्रुप्स, आपको इस यात्रा में मार्गदर्शन कर सकते हैं और आपको उन चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकते हैं जो इस प्रक्रिया में उत्पन्न हो सकती हैं। अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहना और सकारात्मक सोच बनाए रखना इस कठिन यात्रा को आसान बना सकता है।