Maha Kumbh 2025 का पहला स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर हुआ, जिसमें लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक महोत्सव भी है, जिसमें देशभर से लोग एकत्र होते हैं। इस दिन, श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर अपने पापों का प्रक्षालन किया।

इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए लाखों लोग दूर-दूर से आए थे, जो इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक थे। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन दूसरा शाही स्नान होगा, जिसे अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सबसे अधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है। मकर संक्रांति का यह पर्व विशेष रूप से सूर्य के उत्तरायण होने के साथ जुड़ा हुआ है, और इसे हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन, श्रद्धालु विशेष रूप से नए वस्त्र पहनकर और विभिन्न प्रकार के प्रसाद लेकर आते हैं, जिससे इस दिन की महत्ता और भी बढ़ जाती है।
इस अवसर पर 60 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है, और 12 किलोमीटर के इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिए विशेष रूप से सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी, और चिकित्सा टीमों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई अस्थायी शौचालय, जलपान स्टाल और चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें और इस महाकुंभ के अनुभव का आनंद ले सकें।
महाकुंभ के दौरान अन्य महत्वपूर्ण स्नान तिथियाँ भी हैं, जिनमें मौनी अमावस्या (29 जनवरी), बसंत पंचमी (3 फरवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी), और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) शामिल हैं। प्रत्येक स्नान तिथि का अपना विशेष महत्व है और इन दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मौनी अमावस्या को विशेष रूप से मौन व्रत रखने वाले श्रद्धालु स्नान करते हैं, जबकि बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, और महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है, जो इस महाकुंभ का समापन भी करती है। इन सभी तिथियों पर श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, और प्रशासन ने इन महत्वपूर्ण दिनों के लिए भी सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाने की योजना बनाई है।

