Lohri की अग्नि में ये चीजें डालें और बढ़ाएं सौभाग्य और समृद्धि...
- Pawan Gupta
- Jan 13
- 2 min read
Lohri के पर्व पर पवित्र अग्नि जलाने और उसमें सामग्री अर्पित करने की परंपरा का विशेष महत्व है। यह अग्नि केवल एक लौ नहीं है, बल्कि यह सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन जब लोग अग्नि में विशेष चीजें डालते हैं, तो यह न केवल उनके जीवन में शुभता और लाभ का संचार करती है, बल्कि यह एक सामूहिक उत्सव का हिस्सा भी बन जाती है, जिसमें लोग एकत्रित होकर अपनी खुशियों और आशाओं को साझा करते हैं। लोहड़ी का पर्व मुख्यतः फसल कटाई के समय मनाया जाता है, और यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है। इस दिन अग्नि को देखकर लोग अपने सभी दुख-दर्द भुलाकर नृत्य करते हैं और गीत गाते हैं, जिससे पर्व का माहौल और भी खुशनुमा हो जाता है।

लोहड़ी की अग्नि में अर्पित की जाने वाली चीजें:
तिल: यह शुद्धता और सकारात्मकता का प्रतीक है। तिल का उपयोग केवल धार्मिक अनुष्ठानों में ही नहीं, बल्कि इसे खाने में भी शामिल किया जाता है, जिससे शरीर और मन दोनों को लाभ मिलता है। तिल का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
गजक और रेवड़ी: ये मिठाइयाँ मीठेपन से जीवन में मिठास और सुख-समृद्धि बढ़ाने का प्रतीक हैं। गजक, जो तिल और गुड़ से बनती है, विशेष रूप से सर्दियों में ऊर्जा प्रदान करती है और इसे लोहड़ी के पर्व पर विशेष रूप से प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
मूंगफली: कृषि उत्पाद और समृद्धि का प्रतीक। मूंगफली का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि यह एक पारंपरिक स्नैक भी है जिसे लोग एक साथ बैठकर खाते हैं, जिससे सामूहिकता का अनुभव होता है।
पॉपकॉर्न (फुलिया): उन्नति और प्रगति का संकेत। पॉपकॉर्न का फुलना इस बात का प्रतीक है कि जैसे अनाज फुलता है, वैसे ही जीवन में भी उन्नति होनी चाहिए। इसे अग्नि में डालने से यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन में लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए।
गुड़: जीवन में मिठास और रिश्तों में मजबूती लाने का प्रतीक। गुड़ का उपयोग न केवल मिठाई बनाने में होता है, बल्कि इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। यह रिश्तों को मधुर बनाने में भी मदद करता है, क्योंकि इसे एक-दूसरे के साथ बांटने से आपसी प्रेम और सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
महत्व:
इन चीजों को अग्नि में अर्पित करने से वातावरण शुद्ध होता है। यह परंपरा न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक स्तर पर भी सकारात्मकता का संचार करती है। जब लोग एकत्रित होकर अग्नि के चारों ओर बैठते हैं और सामूहिक रूप से अपनी इच्छाएं व्यक्त करते हैं, तो यह एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करती है।
यह परंपरा सूर्य और अग्नि देवता को समर्पित मानी जाती है, जो ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करती है। लोहड़ी के पर्व पर अग्नि की पूजा करने से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें जीवन में हमेशा उजाले की ओर बढ़ना चाहिए।
प्रसाद के रूप में इन चीजों को बांटने से सामाजिक और पारिवारिक एकता को बढ़ावा मिलता है। जब लोग एक-दूसरे को प्रसाद देते हैं, तो यह न केवल उनके बीच के रिश्तों को मजबूत बनाता है, बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है।











































































































































































































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