Ayush Goyal: एक मध्यमवर्गीय परिवार से आईएएस अधिकारी बनने की प्रेरणादायक यात्रा...
- Sonebhadra Times
- Jan 2
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Ayush Goyal: यह कहानी आयुष गोयल की है, जो दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। आयुष के पिता ने उनकी उच्च शिक्षा के लिए ₹20 लाख का लोन लिया था, यह सोचकर कि उनका बेटा एक सफल करियर बनाएगा और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा।

आयुष ने अपनी मेहनत और लगन से आईआईएम कोझिकोड से एमबीए किया, जहाँ उन्होंने न केवल अपने अकादमिक कौशल को निखारा, बल्कि महत्वपूर्ण नेटवर्किंग भी की। इसके बाद, उन्होंने जेपी मॉर्गन जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में ₹28 लाख सालाना के पैकेज पर नौकरी प्राप्त की, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। यह नौकरी उनके लिए एक सुनहरे भविष्य का संकेत थी, लेकिन आयुष के मन में जनसेवा का सपना हमेशा बना रहा।
हालांकि, आयुष ने अपनी नौकरी छोड़ने का साहसिक निर्णय लिया, क्योंकि वह अपने जीवन को एक नई दिशा देना चाहते थे। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय लिया, जो भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। जनसेवा के प्रति उनके जुनून ने उन्हें इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया। आयुष ने बिना किसी कोचिंग के, केवल इंटरनेट और किताबों के सहारे घर पर ही पढ़ाई की। यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी, जिसमें उन्हें कई बार निराशा का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे।
उनकी मेहनत रंग लाई, जब उन्होंने पहले ही प्रयास में 171वीं रैंक हासिल की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चयनित हुए। यह सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी गर्व का क्षण था। उनके इस निर्णय और मेहनत ने न केवल परिवार का सपना पूरा किया, बल्कि यह एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया कि कैसे एक व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है, यदि उसके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत हो। आयुष की कहानी ने कई युवाओं को प्रेरित किया, जिन्होंने उनके जैसे ही अपने सपनों को साकार करने का साहस जुटाया।
यह खबर 1 जनवरी 2025 को प्रमुखता से चर्चा में थी, जब आयुष की सफलता की कहानी ने मीडिया में जगह बनाई। उनके जीवन की यात्रा ने न केवल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया, बल्कि युवाओं को यह भी दिखाया कि कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों को पूरा करना संभव है।
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