गोपाल दास जायसवाल: नगर विकास और सामाजिक सेवा के प्रतीक का अंतिम विदाई
- Sonebhadra Times
- Jan 8
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Updated: Jan 19
दुद्धी, सोनभद्र। स्थानीय कस्बे के पहले नगर पंचायत अध्यक्ष चुने गए, टाउन क्रिकेट क्लब दुद्धी के संस्थापक और प्रतिष्ठित मोटर पार्ट्स व्यवसायी गोपाल दास जायसवाल बुधवार की दोपहर कनहर-ठेमा संगम तट पर पंच तत्व में विलीन हो गए। गोपाल दास जायसवाल का जीवन नगर पंचायत के विकास, सामाजिक सेवा और खेल के प्रति उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। दुद्धी कस्बे के अनेक निवासी, प्रियजन, परिजन और मित्र इस अवसर के साक्षी बने, और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
गोपाल दास जायसवाल के पुत्र उत्कर्ष जायसवाल ने उन्हें मुखाग्नि दी, और देखते ही देखते अग्नि की प्रचंड ज्वाला में वे पंच तत्व में विलीन हो गए। इस दौरान बड़ी संख्या में नगरवासियों ने श्मशान घाट पर अंतिम दर्शन कर उन्हें विदाई दी। उनके निधन पर बुधवार को विभिन्न स्थानों पर शोक सभाएं आयोजित की गईं। उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने संकट मोचन मंदिर प्रांगण में, टीसीडी के खिलाड़ियों ने टाउन क्लब मैदान पर, और अधिवक्ताओं ने कचहरी में शोक सभा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और न्यायिक कार्य से विरत रहे। यह सभी शोक सभाएं उनके प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक थीं।
बता दें कि कस्बे के पहले नगर पंचायत अध्यक्ष चुने गए गोपाल दास जायसवाल को मंगलवार की सुबह पेट फूलने की शिकायत पर स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के बाद चिकित्साधीक्षक डॉ. शाह आलम अंसारी ने दोपहर दो बजे उन्हें छुट्टी दे दी। जब वे घर आए तो शाम 5 बजे अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिर से चिकित्सक को दिखाया गया। परीक्षण के बाद डॉ. शाह आलम अंसारी ने उन्हें बाहर दिखाने की सलाह दी। परिजन उन्हें लेकर वाराणसी के लिए रवाना हो गए, लेकिन जैसे ही मारकुंडी घाट पहुंचे, उनकी सांसें थम गईं।
परिजन रात में पार्थिव शरीर के साथ वापस घर आए और बुधवार को कनहर ठेमा संगम तट पर उनका दाह संस्कार किया गया। इस दौरान लोग उनके व्यक्तित्व और नगर पंचायत अध्यक्ष के कार्यकाल की सराहना करते नहीं थके। गोपाल दास जायसवाल की सामाजिक प्रतिष्ठा और उनके द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा हर जगह सुनाई दी। वे सभी धर्मों के प्रिय थे, इसका दृश्य उनके आवास और कनहर ठेमा संगम तट पर देखने को मिला। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोग उमड़ पड़े, यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने जीवन में कितने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई थी।
बता दें कि 02/02/1988 से 02/12/2005 तक वे दो बार नगर पंचायत अध्यक्ष रहे, एक बार उनकी पत्नी नगर पंचायत अध्यक्ष रहीं, और इसी दौरान वे टाउन क्रिकेट क्लब दुद्धी के भी अध्यक्ष बने रहे। उनके कार्यकाल में दुद्धी कस्बे में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए, और उन्होंने स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रयास किए। उनकी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक प्रतिबद्धता ने उन्हें एक आदर्श नेता बना दिया, और उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।












































































































































































































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