Guna borewell accident : 10-year-old innocent taken out of the pit after 16 hours, died during treatment..
- Sonebhadra Times
- Dec 29, 2024
- 2 min read
Guna Borewell Accident: गुना में बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय सुमित को 16 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

Guna borewell accident:
मध्य प्रदेश के गुना में 10 साल के बच्चे सुमित को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. गुना एएसपी मान सिंह ठाकुर ने बताया कि कल (28 दिसंबर) 10 वर्षीय सुमित पतंग उड़ाते समय अपने खेत के बोरवेल में गिर गया था. हम कल से बचाव अभियान चला रहे थे. आज (29 दिसंबर) सुबह 9:30 बजे सुमित को बाहर निकाल लिया गया है. गुना के अस्पताल में बच्चे का इलाज चल रहा था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.गुना जिला प्रशासन ने पुलिस सहित एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर बड़ी सफलता हासिल करते हुए बच्चे को 16 घंटे के भीतर बाहर निकाल लिया. सुमित को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया था. सुबह तक प्रशासन और डॉक्टरों ने सुमित की स्थिति के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की थी, लेकिन अब पता चला है कि इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई है. बच्चे की मृत्यु की सूचना मिलते ही उसके परिवार और गांव में शोक की लहर फैल गई है.|
गांव भर में तलाशने पर भी नहीं मिला था सुमित
ध्यान देने योग्य है कि प्रदेश के गुना में शनिवार (28 दिसंबर) को एक दस वर्षीय बच्चा बोरवेल में गिर गया था। घटना की सूचना मिलते ही गुना प्रशासन ने बचाव अभियान शुरू कर दिया। इसके बाद NDRF और SDRF की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गईं। यह मामला गुना जिले के राघोगढ़ इलाके के जंजाल क्षेत्र में स्थित पिपलिया गांव का है। यहां का निवासी 10 वर्षीय सुमित मीणा शनिवार शाम पतंग उड़ाते हुए अचानक बोरवेल में गिर गया था।
जब परिवार वालों को सुमित की कोई जानकारी नहीं मिली, तो उसे पूरे गांव में खोजा गया। इसके बाद बोरवेल में देखा गया तो सुमित उसमें फंसा हुआ पाया गया। सूचना मिलने पर बचाव अभियान शुरू किया गया और जेसीबी मशीन की सहायता से बोरवेल के पास गड्ढा खोदा गया।
खुले बोरवेल पर मोहन सरकार सख्त
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में लगातार हो रहे बोरवेल हादसों के कारण सीएम मोहन यादव ने सख्त कदम उठाए थे. उन्होंने कहा था कि अगर बोरवेल खुला छोड़ा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए खेत के मालिक पर मामला दर्ज होगा. लेकिन आज भी बोरवेल को खुला छोड़ने और लापरवाही बरतने के कारण हादसे हो रहे हैं. |